नेता के बोल
(वोट के पहले)
वोट माँगने आए हैं , जोड़ कर दोनों हाथ
बोले कभी ना छोड़ेंगे, हम जनता का साथ
इस जनता का साथ, कभी जो हमने छोड़ा
उम्मीदों का तार, जैसे हो हम ही ने तोडा
भूखा होगा कोई ना, ना सोएगा खाली पेट
हर कोई शिक्षा पाएगा, विद्यालय में बैठ
जहां खड़े हैं आज हम, यहीं पर एक नल होगा
बहेगी मोटी धार उससे, कि मीठा उसका जल होगा
यहाँ के हर गली में, सड़के पूरी पक्की होंगीं
देते हैं ये ज़बान हम, यहाँ बड़ी तरक्की होगी
सूरज ढलने पर भी, रातें ना काली होंगीं
अब हर घर-घर में, बल्ब की लाली होगी
हर मजदुर के घर में, गैस का चूल्हा होगा
घर होगा पूरा स्वच्छ, कहीं ना धुला होगा
यहां नो कोई नीचा, ना कोई ऊँचा होगा
न्याय सभी के साथ, बिल्कुल समूचा होगा
न्याय समूचा होगा, जब हम कुर्सी पर होंगे
बिन कुर्सी के कहो, हम, न्याय कहाँ से देंगे?
एक बार जो आपसे जुड़े हमारा हाथ
अगले पांच साल तक छोड़ेंगे ना साथ
हमें पता है वोट, आप हमको को ही देंगे
आपके हर संकट को, शपथ है हम हर लेंगे
अब चलते है हम, कई जगह है जाना
अपना ये उद्देश्य, सभी को है समझाना
(वोट के बाद)
नेता बोले क्रोध से, करके टेढ़ी नाक
घर के अंदर कैसे घुसे, कहाँ से आये आप?
कहाँ से आए आप, बात क्या है बतलाओ?
बिना काम के तुम, सर मेरा मत खाओ
घर पर मेरे भोज है, काम पड़े है अनेक
तु भूखा है तो क्या करूँ, तू मेरी थाल ना देख
लिख पढ़ के क्या पाएगा, तेरा बच्चा आज?
आज करेगा चाकरी तो, कल कर लेगा राज
नल नहीं तो क्या हुआ, नहीं मेरा कोई दोष
मैं कोई कामगार नहीं, कर ले थोड़ा होश
कच्ची पक्की सड़को का, हमें नहीं कुछ खेद
तूने हमसे पुछा कैसे, क्या है इसमें भेद?
बिजली लाने की कब, हमने कही थी बात
दिया जलाए देख लो, बीत जाएगी रात
लकड़ी के चूल्हे से देखो, मरते किट पतंग
गैस के खर्च से तुम्हारी, जेब हो जाएगी तंग
ना भूल अपनी औकात, के तू है नीचा प्राणी
चमड़ी खींच लेंगे तेरी, भौंह जो तूने तानी
कुर्सी पर हम बैठे गए,बन गए माला माल
आएँगे फिर पूछने, चुनाव में तेरा हाल
आम जनता बने रहो, लेना न कुछ सीख
झोली फैलाए फिर आएँगे, देना वोटों की भीख