नूतन वर्ष है आया
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आओ मिल जुल के मनाएं नूतन वर्ष है आया
तराने खुशियों के हम गाएं नूतन वर्ष है आया
बीते साल की खट्टी मीठी बातें,रातें बीत गई
गिले शिकवे मन से मिटाएं नूतन वर्ष है आया
गतवर्ष में चाहे मित्र,प्यारे,रिश्ते,नाते हों खोए
हम यादों के दीप जलाएं नूतन वर्ष है आया
मतभेदों ने चाहे हमें अलग अलग किया हो
आओ फिर से एक हो जाएं नूतन वर्ष आया
बीत गई जो बात गई सब जन समझ जाओ
हम घुटकर गले लग जाएं नूतन वर्ष है आया
कोरोना वैश्विक महामारी का हर्जाना भूगता
निज जड़ों से मिल जाएं नूतन वर्ष है आया
मंहगाई,बेरोजगारी,आर्थिकमंदी को है झेला
मिलबांटकर नवाला खाए नूतन वर्ष है आया
काले कानूनों का बेशक हमें मिला है झमेला
संघर्ष राहों पर बढ़ जाएं नूतन वर्ष है आया
मनसीरत आज बहुत है पुलकित और हर्षित
हर्षोल्लासित होकर मनाएं नूतन वर्ष है आया
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)