नूतनववर्ष मंगलमय नववर्ष हो
नववर्ष नूतनवर्ष मंगलमय नववर्ष हो
हो दिलों में अपार हर्ष ऐसा नववर्ष हो
दुश्मन बने, ना दोस्त ऐसा संकल्प लो
सहर्ष मिलो गले ऐसा पावन पर्व हो
हो सर्व समाज संपन्न ना विपन्न हो
हो खिन्नता दूर और मन प्रसन्न हो
नववर्ष नूतनवर्ष मंगलमय नववर्ष हो
हो दिलों में अपार हर्ष ऐसा नववर्ष हो
मित्र चैत्रमास है ह्रृदय सदा प्रसन्न हो
मन करे कल्लोल हिय सदा प्रसन्न हो
प्रीया करे श्रृंगार मन-मयूर प्रसन्न हो
कामनाएं मन की ना अब, मन में रहे
भावनाएं मन की ना अब मन में रहें
नववर्ष नूतनवर्ष मंगलमय नववर्ष हो
हो दिलों में अपार हर्ष ऐसा नववर्ष हो
ना शीत है, ना ग्रीष्म की बयार अब
नोनिहाल हाल में फिर बे-हाल क्यूँ
नववर्ष नूतनवर्ष मंगलमय नववर्ष हो
हो दिलों में अपार हर्ष ऐसा नववर्ष हो
ये संवत्सर विक्रमी का आरम्भ है
शकारी कहो या शिकारी गम नहीं
है मातृभूमि लाल ना अब सवाल कर
क्यों पूछता है बार-बार ना बवाल कर
ना भूल, अब परम्परा का ख्याल कर
वीर-धीर सोच ना,ना पोच विचार कर
नववर्ष नूतनवर्ष मंगलमय नववर्ष हो
हो दिलों में अपार हर्ष ऐसा नववर्ष हो ।
मधुप बैरागी