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21 Sep 2021 · 1 min read

नीति पूर्ण दोहे

कामी तामी लालची , ऐकर नैय विचार ।
पाहुन जकाँ छोड़ी दे , अपनेसँ लाचार ।।

मौलिक एवं स्वरचित
© -श्रीहर्ष आचार्य)

Language: Maithili
7 Likes · 5 Comments · 442 Views

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