नींद
यह दुनिया है दोस्तों ।
यहाँ कोई किसी का नहीँ होता ।।
लोग तभी य़ाद करते हैं।
जब किसी की नींद मुकम्मल नहीं होता।।
–दिवाकर महतो
बुण्डू, राँची (झारखंड)
यह दुनिया है दोस्तों ।
यहाँ कोई किसी का नहीँ होता ।।
लोग तभी य़ाद करते हैं।
जब किसी की नींद मुकम्मल नहीं होता।।
–दिवाकर महतो
बुण्डू, राँची (झारखंड)