✍️✍️नींद✍️✍️
✍️✍️नींद✍️✍️
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मेरी रूह से जाने की
एक दफ़ा
इजाजत क्या दी..!
वो वापस
लौटने का नाम ही
नहीं लेती,
कही अर्से हुए उसे
मिले हुए…!
वो आँखों से ओझल है
और दिल,दिमाग बोझिल है
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✍️”अशांत”शेखर✍️
13/06/2022