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22 Feb 2024 · 1 min read

नींद कि नजर

खामोश जिंदगी ए पैगाम दे रही है
मोहब्बत के रूठने का पैगाम दे रही है।।

तन्हा जिंदगी के उम्मीदों के समन्दर में
अंदाज़ जिंदगी का अरमान दे रही है।।

खामोश जिंदगी ए पैगाम दे रही है
मोहब्बत के रूठने का पैगाम दे रही है।।

गम औऱ खुशी के अश्कों जज्बों हसरतों में
उम्मीद जिंदगी का इज़हार
दे रही है ।।

खामोश जिंदगी ए पैगाम दे रही है
मोहब्बत के रूठने का पैगाम दे रही है।।

जिंदगी के रास्तों में ख्वाबों हकीकतों में
दोस्तो कि चाहतों में वीरान जिंदगी का
कारवां बता रही है।।

खामोश जिंदगी ए पैगाम दे रही है
मोहब्बत के रूठने का पैगाम दे रही है।।

रिश्तो के इस जहां में मोहब्बत गुनाह
गुनाह है नफरतों के दौर में वो खोया बता रही है।।

खामोश जिंदगी ए पैगाम दे रही है
मोहब्बत के रूठने का पैगाम दे रही है।।

Language: Hindi
132 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
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