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3 Dec 2021 · 1 min read

“ निष्क्रिय नेता “

डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
===============

न मधुर गायन अछि ,
न रागक ज्ञानी छी !
केहूना मन लगबैत छी ,
हम त अज्ञानी छी !!

कविता नहि लिखैत छी ,
गद्य नहि जनैत छी !
व्यंग नहि अबैत अछि ,
टिप्पणी सं डरैत छी !!

मित्र नहि अछि हमरा ,
व्यथा हम कहब ककरा !
लोक सब करत झगड़ा ,
बाद वो पढ़त फकड़ा !!

घर मे हम बैसल छी ,
बाहर नहि निकलय छी !
कियो नहि सँग हमर ,
जकरा सँग जुड़ल छी !!

श्रोता नहि बनि सकलहूँ ,
भाषण नहि द सकलहूँ !
कान मे तूर देने छी ,
अनठिया बनैत रहलहूँ !!

लोक सब जीता देलक ,
संसद मे पठा देलक !
हम मात्र सुतैत रहलहूँ ,
नेता लोक बना देलक !!

मंहगाई सं हमरा की ?
बेरोजगारी सं हमरा की ?
लोक सबकें कष्ट हेतैक
हम भला करब की ?

एहने निष्क्रिय नेता छी ,
देशक हम अभिनेता छी !
नाटक हम करिते छी ,
देश केँ हम पूजैत छी !!

=================
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
नाग पथ
शिव पहाड़
दुमका
03. 12. 2021.

Language: Maithili
1 Like · 185 Views

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