निर्बल का बल
तू ही मौला तू ही दाता ,
मन मेरा गुण तेरे गाता ।
तेरे बन्दे तुझको प्यारे ,
करतब उनके अदभुत न्यारे ।
दुनियाँ से कुछ चलते हटकर
मन मौजी वो करते डटकर ।
जब भी कोई संकट आता ,
दिल मेरा संग तुझको पाता ।
हर मसले का हल है तूही ,
हर निर्बल का बल है तूही ।
© डॉ० प्रतिभा ‘माही’ पंचकूला