निर्णय
कुछ शाखॆ टूट जाएगी
मुरझा जाएंगी कुछ कलियां
पत्तों का रंग बदल जाएगा
मन भी शायद विद्रोह को मचल जाएगा
सब कुछ निर्भर करता है “निर्णय”पर!!
किसी की उलझी लटे संवर जाएगी
किसी की रोनी सूरत निखर जाएगी
किसी की शिकन कुलचे खाएगी
तो किसी की मुस्कान बिखर जाएगी
सब कुछ निर्भर करता है “निर्णय” पर!!
कैसा लिया जाएगा_
क्या लिया जाएगा
सही होगा या गलत??
सभी की नजरें प्रश्नवाचक मुद्रा में जमी बैठी है….
किन्तु “निर्णय” सही गलत नहीं होते
ये तो बस दृष्टिकोण का अंतर है
कुछ “तथाकथित लोग”!!
जो गलती से “लोग “हैं
उलझने बढ़ाते हैं
इन्हें सही गलत ठहराते हैं
किन्तु वास्तविकता में
इन्हें सही या गलत;
केवल हम बनाते हैं!
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__प्रिया मैथिल
#23/12/18
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