निरुपाय हूँ /MUSAFIR BAITHA
निरुपाय हूँ
मैं समंदर लांघना चाहता हूँ
मगर यह समंदर तेरी वैतरणी है
सारे जल को ब्राह्मणवादी मगरमच्छों ने घेर रखा है
तुम्हारे पास गाय की पूँछ उपलब्ध है
आसान हनुमान कूद लगाने की खातिर
मेरे पास निकट पुरखों का जाँचा परखा मार्गनिर्देश मात्र है
जिसे तुम्हारी पूँछ-सुविधा ने दुष्कर बना डाला है
मैं तेरी सांस्कृतिक पूँछ का विकल्प कहाँ से लाऊं?
दूसरा किनारा कैसे तुझ जैसे सुगमता से पाऊं?