नित तेरी पूजा करता मैं,
नित तेरी पूजा करता मैं,
श्रद्धा पुष्प चढ़ाऊँ।
दे माता आशीष मुझे तू,
जीवन धन्य बनाऊँ।।
जहाँ तिमिर हो करूँ उजाला,
शिक्षा दीप जलाऊँ।
भटके हुये युवाओं को मैं,
सच्ची राह बताऊँ।।
– महावीर उत्तरांचली