जय श्री राम।
विधा-बरवै छन्द
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नित्य जपो मन मेरे,जय श्री राम।
प्यारा प्रभु की नगरी, प्यारा नाम।।
जीवन छोटी नैया, प्रभु पतवार।
जो जपा प्रभु नाम को,भव से पार।।
प्रभु नाम में शक्ति का,है भरमार।
जिनके दम से जीवन,हो गुलज़ार।।
शरणागत की हर पल, सुनते राम।
राम कृपा से बनते, सारे काम।।
प्यारे अलमस्त रहो,नित खुशहाल।
सब के रखवाले प्रभु, दीनदयाल।।
घर-घर में गूँज रहा, प्रभु का नाम।
सबकी झोली भरते, दाता राम।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली