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10 Jun 2023 · 1 min read

नितक्षण उत्सव ये “वन”

मृगगण वनघन सघन जन्तुधन,
रहते सब मिल-जुल वनजीवन ।१।

नित्य विहार निरंतर नर्तन,
करें वसुधा की गोदी पावन ।२।

एक जीव का एक से बंधन,
भोजन भाजन जीवन यापन ।३।

इनपर निर्भर मानव जीवन,
इनसे संभव मानव का तन ।४।

आओ मनाएं उत्सव नूतन,
निसदिन नितक्षण उत्सव ये “वन” ।६।

सर सरिता नभ धरा अनिल अगन,
इन्हें समर्पित महा – उत्सव – वन ।७।

Language: Hindi
138 Views
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