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17 Feb 2024 · 1 min read

निच्छल नारी

एक टक एक पग सब करती है
बिना आह किये सब का मन रखती है
इसका करो ,उसका करो ,सब का करो
खुद की खुशी छोडकर सब का भरो
दो हाथ से दो सौ काम कर जाती है
हजा़र बातें सुनकर दो शब्द में मौन रह जाती है।
ये औरत है बिन कहे ही सब सह जाती है
अपनों की खुशी में खुद खुश रह जाती है।

Language: Hindi
79 Views
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