Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2022 · 1 min read

निगाहें जमी पर है

निगाहें जमी पर है
और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है
वो नक़ाब को समाल रही है
और हवा के झोंके से
उनके चहरे का जाम आ रहा है
निगाहें जमी पर है
और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है

Anuj yadav

Language: Hindi
2 Comments · 140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
"घर बनाने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
तीन दशक पहले
तीन दशक पहले
*प्रणय प्रभात*
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
Rekha khichi
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
पतंग
पतंग
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
आदमी हैं जी
आदमी हैं जी
Neeraj Agarwal
गुरुवर
गुरुवर
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
ये गजल नही मेरा प्यार है
ये गजल नही मेरा प्यार है
Basant Bhagawan Roy
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
पिताजी हमारे
पिताजी हमारे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*Treasure the Nature*
*Treasure the Nature*
Poonam Matia
पेड़ के हिस्से की जमीन
पेड़ के हिस्से की जमीन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
शेर अर्ज किया है
शेर अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
Manisha Manjari
3242.*पूर्णिका*
3242.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बदलना न चाहने वाले को आप कभी बदल नहीं सकते ठीक उसी तरह जैसे
बदलना न चाहने वाले को आप कभी बदल नहीं सकते ठीक उसी तरह जैसे
पूर्वार्थ
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
Sakhawat Jisan
भाड़ में जाओ
भाड़ में जाओ
ruby kumari
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
अधूरा नहीं हूँ मैं तेरे बिना
अधूरा नहीं हूँ मैं तेरे बिना
gurudeenverma198
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...