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9 Nov 2024 · 1 min read

निकल पड़ो कभी ऐसे सफर पर भी

निकल पड़ो कभी ऐसे सफर पर भी
जो मंजिल नहीं रास्तों के लिए हो
खूबसूरत नजारों का हो साथ
मुलाकात अंजान वादियों से हो

चित्रा बिष्ट

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