कलयुग : जंग -ए – जमाने
ना रहे राजा अकबर,
ना रहे राजा जयमल ।
अब ना होगा किले की लड़ाई रे ,
युधिष्ठिर और दुर्योधन ने शुरू की कलयुग की लड़ाई रे।
ना रही महारानी लक्ष्मी बाई रे ,
अब ना होगा अंग्रेजों से लड़ाई रे ।
अब घर में बैठी महारानी सब ,
अब होगा घर की लड़ाई रे ।
अब रहा ना चित्तौड़ का किला ,
अब क्यों होगी चढ़ाई रे।
अब चलता रहेगा घर की लड़ाई ,
यही है – कलयुग की बड़ाई रे।