ना बात करो तलवारो की
ना बात करो तलवारो की, न ढालो की कृपाणों की,
ना बात करो दीवानो की, दिलवालो की मस्ताँनो की,
ना बात करो राजा रानी के, किस्से वेद पुरानो की,
ना बात करो उन कुत्तो की, उन कुत्तो के दिवानो की
ना बात करो अधिकारी के, उन प्यारे से अधिकारो की
ना बात करो उस मालिक की, मालिक के मालगुजारो की
ना बात करो उन लोगो की, जिनने लोगो को काट दिया
ना बात करो गद्दारो की, जिनने बेटो को बाँट दिया
अब बात करो मा बेटी की, उन बेटो के संस्कारों की
अब बात करो मजदूरो की,भूखे लाचार किसानो की
अब बात करोअपनेपन की, गेरो को खुद अपनाने की
अब बात करो समृदि की सबको समृद्ध बनाने की
✍कृष्णकांत गुर्जर (16/10/20-11:14)