Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2018 · 1 min read

ना जफा कहिये ना खफा कहिये

??????
ना जफा कहिये ना खफा कहिये।
कहिये – कहिये मुझे बला कहिये।

बर्बाद ख्वाहिशें बिखरा सपना,
दर्दे- दिल गमों से भरा कहिये।

प्यार मुहब्बत सब कहाँ खो गई,
दिलों में अब शिकवा गिला कहिये।

रूठे – रूठे से क्यों लगते हो,
हो गई ऐसी क्या खता कहिये।

तौबा-तौबा बेरूखी तेरी,
मार डाला फिर वो अदा कहिये।

कतरा-कतरा छलक रहा है जो,
आँखों से मधुरिम हाला कहिये।

देख नशा हो जाता क्यूँ इतना,
ये कैसा है राज छुपा कहिये।

अपना-सा सुन्दर अहसास लिये,
सभी राग – अनुराग घुला कहिये।

भूले तुमको बोलो हम कैसे,
हर वक्त यादों से घिरा कहिये।

आओ तुम खुद ही देखो दिल में,
प्यार कितना तेरा छुपा कहिये।

????—लक्ष्मी सिंह ?☺

387 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
Rj Anand Prajapati
ग़ुरूर
ग़ुरूर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गर्दिश -ए - वक़्त ने बदल डाला ,
गर्दिश -ए - वक़्त ने बदल डाला ,
Dr fauzia Naseem shad
घट घट में हैं राम
घट घट में हैं राम
अवध किशोर 'अवधू'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
सच्चा मीत
सच्चा मीत
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हरवक्त तुम मेरे करीब हो
हरवक्त तुम मेरे करीब हो
gurudeenverma198
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
दिल में ज्यों ही झूठ की,गई खीचड़ी सीज .
दिल में ज्यों ही झूठ की,गई खीचड़ी सीज .
RAMESH SHARMA
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
17. Eat Right
17. Eat Right
Ahtesham Ahmad
क्यों जीना है दहशत में
क्यों जीना है दहशत में
Chitra Bisht
क़िस्मत
क़िस्मत
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
मुहावरे में बुरी औरत
मुहावरे में बुरी औरत
Dr MusafiR BaithA
मरती इंसानियत
मरती इंसानियत
Sonu sugandh
2814. *पूर्णिका*
2814. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
Rituraj shivem verma
भिड़ी की तरकारी
भिड़ी की तरकारी
Pooja srijan
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
विजयी
विजयी
Raju Gajbhiye
पत्नी की पहचान
पत्नी की पहचान
Pratibha Pandey
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
Loading...