नारी
नारी ही हैं जीवन के आधार।
उन्हीं से हैं सौंदर्य भरा ये संसार।।
उनकी लगन छू लेता आसमान।
देवता गण भी करते हैं उनका सम्मान।।
जो ठान लेती कर देती हैं सकार।
उन्हीं से फलता-फूलता हैं परिवार।।
उनके छत्र-छाया में मिलता हैं हमें संस्कार।
जीन-जीन रूपों में लो उनको पुकार।।
सब रूपों में है नारी का महत्व आधार।
नहीं मांगती है कभी अपना अधिकार।।
तभी लोग उनपे करते हैं अत्याचार।
जिस दिन जग कर करें, अपना मान-सम्मान के ऐलान।।
गिर जाएंगी घर-बाहर की सरकार।
प्रेम भी करतीं हैं ये इतना अपार।।
कि इंसानों को भी मान लेती हैं अपना भगवान।
जिस घर में हो नारी का सम्मान, वहां रहतीं हैं स्वयं महा लक्ष्मी विराजमान।।
एक पहल हमारी भी
बराबर की हकदारी और समझदारी हैं नारी भी
नीतू साह(हुसेना बंगरा)सिवान-बिहार