नारी
जग की जननी, माँ
नारी है!
प्रेम की देवी, पत्नी
नारी है!
घर को स्वर्ग बनाने वाली
हर गृहणी
नारी है!
संस्कारों, संस्कृति की देवी
संरक्षिका परम्पराओं की
नारी है!
रानी लक्ष्मी, पद्मावती
शेरनी,अग्निपुत्री वो
नारी है!
क्यूरी सा ज्ञान है
जिसके भीतर
हिम्मत,
मलाला वाली है
टेरेसा सी
करुणा, स्नेह की मूरत।
लौह-महिला इंदिरा
नारी है!
युध्द किए बिन
जो जग जीती
परमवीर चक्राणी नीरजा
नारी है!
नर को जो नारायण कर दे
वो दिव्यात्मा,
नारी है!
– अटल©