नारी है
सजग, सचेत, सबल, समर्थ आधुनिक युग की नारी है….
मत मानो अब अबला उसको ,
सक्षम है बलधारी है…
आज बनी युग की निर्माता,
हर बाधा उस से हारी है…
चारदीवारी का हर बन्धन
तोड़ के बाहर आई है
घर, समाज और देश में उसने
अपनी जगह बनाई है…
ऊंचे ऊंचे पद पर बैठी, सम्मान की वो अधिकारी है……..
मत समझो निर्बल बेबस,
लाचार आज की नारी है ,
नर की प्रबल प्रेरणा का
आधार आज की नारी है ,
स्नेह, प्रेम व ममता का
भन्डार आज की नारी है ,
“दीप” की तरह प्रज्जवलित हो
चंहु और उजाला करती है
है हर जंग जीते शान से यह, अभियान अभी भी जारी है……….
#Happpyworldswomanday….