Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2020 · 1 min read

*”नारी शक्ति’*

“नारी शक्ति
ईश्वर की सृष्टि रचना में,
सृजन करते चमत्कार लिए।
साक्षी भाव से प्रगट हो ,
नई चेतना का संचार लिए।
ममता त्याग की मूर्ति बनके,
नारी शक्ति सागर समुंदर लिए।
स्नेह सुधा रस बरसाते हुए,
अदम्य साहस सहनशीलता लिए।
संपूर्ण जीवन दायिनी हो,
जीती जागती मिसाल लिए।
आदर्श माँ ,बहू बेटी,पत्नी ,
भगिनी नव रूप अवतार लिए।
धरती पर अवतरित हुई हो ,
नारी शक्ति का आगाज लिए।
स्नेहिल स्पर्श जादू सा बिखेरे,
स्वछंद हवाओ में खुशबू लिए।
घर आँगन ,की बगिया मनमोहक,
सुरभित मन हो आनंद लिए।
तुम ही लक्ष्मी , कालीमाता ,दुर्गा,
सरस्वती स्वरूप अवतार लिए।
दो कुलों की मान मर्यादा तुम हो,
देश की आन बान शान लिए।
आधुनिकता की दौड़ में खरे उतरते,
उम्मीदों की बुनियाद लिए।
“यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते तत्र देवता’

Language: Hindi
2 Likes · 309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भारत के बच्चे
भारत के बच्चे
Rajesh Tiwari
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
विदाई गीत
विदाई गीत
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
Paras Nath Jha
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
ज़ैद बलियावी
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
राह नीर की छोड़
राह नीर की छोड़
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन के ढलुवा पथ पर अनगिन
मन के ढलुवा पथ पर अनगिन
Rashmi Sanjay
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
जीवन साथी
जीवन साथी
Aman Sinha
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Manisha Manjari
फितरत,,,
फितरत,,,
Bindravn rai Saral
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
किरण हर भोर खुशियों से, भरी घर से निकलती है (हिंदी गजल/ गीति
किरण हर भोर खुशियों से, भरी घर से निकलती है (हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
“एक नई सुबह आयेगी”
“एक नई सुबह आयेगी”
पंकज कुमार कर्ण
💐Prodigy love-43💐
💐Prodigy love-43💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कदम चुप चाप से आगे बढ़ते जाते है
कदम चुप चाप से आगे बढ़ते जाते है
Dr.Priya Soni Khare
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
तरस रहा हर काश्तकार
तरस रहा हर काश्तकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"समझदार से नासमझी की
*Author प्रणय प्रभात*
3001.*पूर्णिका*
3001.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खेल खिलौने वो बचपन के
खेल खिलौने वो बचपन के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...