*”नारी पर अत्याचार”*
क्यों ज़ुल्म करते हो उन पर,
जो सब कुछ छोड़ कर आई हैं।
एक दफा हाल पुछ लेना उस बाप का,
जिसने अपनी बेटी बिहाई हैं।
फेरे ले लिए तो ग़ुलाम समझने लगे,
रानी की तरह वह खुद रहती थी।
इन चंद दुरियों के कारण जो इज्ज़त कम हुई हैं ना उनकी,
इस इज्ज़त पर बादशाहत हमेशा उनकी रहती थी।
लालच के कारण सब ख़त्म कर दिया,
उस लक्ष्मी के लिए इस लक्ष्मी को बेजान कर दिया।
थोड़ी तो कर लेते तुम इस अनमोल की क़ीमत,
क्योंकि तुमने तो सिर्फ़ बहु मगर किसी ने अपना जहां खो़ दिया।