“नारी” — तुम खुद में एक परिभाषा हो
“नारी” — तुम खुद में एक परिभाषा हो
इससे ज्यादा क्या कहूं,
तुम खुद में एक परिभाषा हो,
संस्कारों में मर्यादा हो।
तुम प्रतिभाशाली नीर सी,
हर क्षण में ढलने वाली हो।
लक्ष्मी सी साहसी हो तुम,
शान्ति का प्रतीक हो तुम,
लौ बनके किया उजाला।
कर्णधार की भांति,
डगमगाते पोत को भी पार लगाया है।
आत्म गौरव शिखर को छूता,
जब भी तेरा नाम जुबान पर आया है।
© ✍
अरुणा डोगरा शर्मा
मोहाली