नारी गौरव
तुम हो भारत की अटल ढाल
तुम हो भारत का उदित भाल।
कोमलता और दृढ़ता का तुम
समुचित परिचय देती हो
तुम जीवन के विकट क्षणों को
साहस से हर लेती हो
तुम में अपूर्व सा सौरव है
तुम से ही देश का गौरव है
तुम जननी हो, तुम शक्ति हो
तुम से ही हैं नाना प्रकार।
तुम हो भारत की अटल ढाल
तुम हो भारत का उदित भाल।
तुम में अपूर्व सा धीरज है
सलिलों का संचित नीरज है
तुम से ही है जीवन प्रवाह
तुम में है नवता का उछाह
तुम में है गरिमा का प्रमाण
तुम में है भावों का उफान
तुम पूरक हो इस सृष्टि की
संहारक हो कु दृष्टि की
बन जाती हो दुर्जन का काल।
तुम हो भारत की अटल ढाल
तुम हो भारत का उदित भाल।
तुम जीवन के स्पंदन के
आभासों की परिचायक हो
तुम आशाओं के उद्गम के
स्रोतों की अधिनायक हो
तुम गीतों की उद्गीतों की
मधु वदना हो गायक हो
तुम परा शक्ति हो, परा प्रेम की
दात्री हो सुख दायक हो
तुम ही से है खुशियां अपार।
तुम हो भारत की अटल ढाल
तुम हो भारत का उदित भाल।
विपिन