नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
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नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
ज़हनो दिल से तुझे अब हटा भी दिया
शुक्रिया बेवफा तेरा सद शुक्रिया
दूर कैसे रहें ये सिखा भी दिया
तुझसे रिश्ता मुझे अब नही जोड़ना
चाहें इसके लिए सब पड़े छोड़ना
मुझ में चाहत अगर है तो नफ़रत भी है
आ गया है मुझे वक्त को मोड़ना
ये न सोचा था निकलेगा हरजाई वो
दिलके रिश्तों में खोदेगा खुद खाई वो
भोली सूरत पे उसके मै मरती रही
नाम का सिर्फ था मेरा शैदाई वो
रुख कहानी के सब मोड़ के चल दिए
जितने वादे किए तोड़ के चल दिए
इनसे रस्मे वफा क्या निभेगी शमा
हम भी ऐसों को यूं छोड़ कर चल दिए
शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश