नाम अमर कर जाना है
नाम अमर कर जाना है
~~~~~~~~~~~~
राह में चलते जाओ,
नहीं पग में कांटे हैं ।
प्रेम से चलते जाओ ,
आनंद के वो लम्हे हैं ।
गर्व न कर देह पर,
मिट्टी में मिल जाना है।
कुछ दिन की जिंदगानी है,
हँसता जीवन बिताना है।
कर ले सेवा जीवन में,
पाप धूल जाएगा ।
ध्यान कर ले गुरु की ,
परम आनंद मिल जाएगा,
ईर्ष्या नहीं करना है ,
छोड़ कर सबको जाना है।
नेक काम कर ले जीवन में ,
नाम अमर कर जाना है ।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पिपरभावना, बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. – 8120587822