नानी-नानी
नानी-मानी
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नानी नानी
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कल तक मां थी
आज बन गई नानी
ओ कियानु तुझे अब
कौन सुनाऊं कहानी ?
कहां से लाऊं?
कहीं का राजा?
कहां से लाऊं?
उसकी रानी?
कैसे बने कहानी?
न रहे अब
हाथी घोड़े;
न कोई
राजकुमारी
किसके लिये
लड़े मरे कोई?
कैसी है लाचारी?
न कोई म्यान
बची अब
न कोई तलवारें
न कोई
कमान बची अब
टूटे तीर से;
किसको ललकारें ?
अब ते फोन पर
खेल खेलते !
हर घर के राजकुमार !
डर डर कर
दहलीज़ लांघती
बेटी राजकुमारी !
समय बदल गया है!
बच्ते; ऐसी है लाचारी ?
पांच साल में राजा
बनते
पांच साल भिखारी
बन कर
वोट मांगते घर घर जाकर
फिर से राजा बन कर
ख़ूब करें मनमानी
नहीं समझोगे
तुम कियानु
नये राजाओं की
बिन रानी की
ये नयी कहानी !
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राजेश’ललित’