नानी का लालटेन
बहुत दिन बाद आज जब मैं
अपने ननिहाल गई तो
आज भी खूंटी पर टांगा
वो लालटेन देखा
जिसे नाना जी बड़े ही
प्यार से लाए थे नानी के लिए
कहते थे तुम्हारी आंखे
खराब हो जायेंगी चिराग़ से
लो ये देखों मैं तुम्हारे लिए
लालटेन लाया हूं
अब नहीं दुखेंगी तुम्हारी आंखे
आज नानी उसी लालटेन को
बड़े ही प्यार से साफ कर
रोशन करती हैं अपना घर
आंगन और मन भी
नानाजी की यादों के साथ
शकुंतला अयोध्या ( फैज़ाबाद)