Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2021 · 1 min read

नाना और पान

नाना मेरे खाते थे,
बहुत ही ज्यादा पान
रोज सुबह जाते थे,
वो पान की दुकान
दुकान पे एक बार,
ऐसा कुछ हो गया
नाना मेरा पान खाके,
वही पे सो गया
जब उनको होश आया,
खुद को मिलो कोस दूर पाया
उनको अब चल गया पता,
की पान मे उनका मिला था भांग
तब उसी दिन से उन्होंने,
सम्हाल ली अपनी टांग
उस दिन उनका हुआ बहुत अपमान
पर फिर भी हमलोग करते हैं,
उनका बहुत सम्मान।

मौलिक
Kn

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 740 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय*
कभी निशाना  चूकता  नहीं।
कभी निशाना चूकता नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुःख (पीड़ा)
दुःख (पीड़ा)
Dr. Kishan tandon kranti
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
Dr. Upasana Pandey
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बरसातों में मीत की,
बरसातों में मीत की,
sushil sarna
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
पूर्वार्थ
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
सोच रहा अधरों को तेरे....!
सोच रहा अधरों को तेरे....!
singh kunwar sarvendra vikram
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियां और सम्भावनायें
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियां और सम्भावनायें
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हर घर में जब जले दियाली ।
हर घर में जब जले दियाली ।
Buddha Prakash
"फेसबुक मित्रों की बेरुखी"
DrLakshman Jha Parimal
*मैंने तो मधु-विश्वासों की, कथा निरंतर बॉंची है (गीत)*
*मैंने तो मधु-विश्वासों की, कथा निरंतर बॉंची है (गीत)*
Ravi Prakash
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
Ashwini sharma
...
...
Ravi Yadav
किसी और के आंगन में
किसी और के आंगन में
Chitra Bisht
*कहर  है हीरा*
*कहर है हीरा*
Kshma Urmila
I know
I know
Bindesh kumar jha
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
4241.💐 *पूर्णिका* 💐
4241.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जरूरी और जरूरत
जरूरी और जरूरत
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
आनंद प्रवीण
वृक्षों की भरमार करो
वृक्षों की भरमार करो
Ritu Asooja
Loading...