नाजायज इश्क
जग की रीत सजा दिए ना छोड़ी प्रीत, मेरे लिए सब ठीक उसकी है नाजायज प्रीत।
यह सब जाने इश्क जोड़े नफरत तोड़े, तभी तो नाजायज कहने वाले इश्क करना ना छोड़े।
इश्क का अर्थ प्रेम लेना देना, नाजायज इश्क समझे प्रेमी प्रेमिका को वासना का खिलौना, इश्क तो बस इश्क करना सिखाता जानता सच्चा झूठा नहीं पहचानता,
यह दुख समझे हर इंसान तो नाजायज इश्क करके सहना ना पड़ेगा अपमान।
जायज नाजायज इश्क का फैसला कर देगा खुद संसार,
तो नाजायज की परिभाषा भी बताएं संसार, मन के भाव जब हो शुद्ध तो नाजायज सुनकर होता है दुख।
इश्क से नफरत भी सही जब मनचाहा इश्क सबको मिलता ही नहीं।
इस लड़ाई में हार मानी नहीं क्यों, नाजायज इश्क का प्रतिकार करना समझे आप अपना अधिकार नहीं।