Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2020 · 2 min read

नाग पंचमी

(नाग जाति के प्रति कृतज्ञता)

श्रावण शुक्ल पंचमी, नाग पंचमी कहलाती है
नाग जाति की पूजा, उनके योगदान को दी जाती है
नाग हमारे दुश्मन नहीं, सच्चे मित्र कहलाते हैं
पर्यावरण और किसान की किसान की,
फसलों के रखवाले हैं
ढेरों दवाई बनती हैं जहर से, वे जीवन देने वाले हैं
शेषनाग के फन पर, सारी धरा टिकी है
क्षीर सागर में शेष शैया पर, विष्णु समाधि लगी है
देव और दानव ने मिल, जब समुद्र मंथन करवाया था
बासुकीनाग की बांधी डोरी, मेरु को अरई बनाया था
शिव शंकर ने नागों को, गले का हार बनाया था
नाग, देवता और मनुज की, ढेरों अकथ कहानी हैं
नाग देवता के योगदान की, पंचमी एक कहानी है
एक बार जब नागों ने,
नाग माता के आदेश की अवहेलना की
क्रोध बस नाग माता ने, जन्मेजय यज्ञ में भस्म होने की शॉप दे दी
घबराए नाग रक्षा को, ब्रह्मा जी के पास गए
ब्रह्मा जी ने सांत्वना दे, रक्षा के उपाय कहे
नागवंश में महात्मा जरत्कारु के, पुत्र आस्तिक होंगे
भस्म होने से बचाएंगे, वही तुम्हारे रक्षक होंगे
तक्षक नाग के डसने से, राजा परीक्षित की मृत्यु हुई
परीक्षित पुत्र जनमेजय ने, नागवंश मिटाने आहुति दई
दुनिया भर की नाग जाति, यज्ञ कुंड में गिरती थी
हाहाकार मचा जग में, न युक्ति कोई मिलती थी
आस्तिक मुनि ने, राजा जनमेजय को समझाया
मत जलो प्रतिशोध की ज्वाला में, न नागों का करो सफाया
आस्तिक मुनि ने योग बल से, दूध नागों पर डाला
श्रावण शुक्ल पंचमी को, उन्होंने नवजीवन दे डाला
नाग पंचमी उसी समय से, भारत में मनाई जाती है
नाग पंचमी की अन्य कथाएं भी, लोक में मिल जाती हैं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
11 Likes · 10 Comments · 414 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
मंद मंद बहती हवा
मंद मंद बहती हवा
Soni Gupta
तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
Ram Krishan Rastogi
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
आगे बढ़ने दे नहीं,
आगे बढ़ने दे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ Rãthí
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
किस्मत की लकीरें
किस्मत की लकीरें
Dr Parveen Thakur
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
Kailash singh
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
2723.*पूर्णिका*
2723.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! दिल के कोने में !!
!! दिल के कोने में !!
Chunnu Lal Gupta
बड़ी बात है ....!!
बड़ी बात है ....!!
हरवंश हृदय
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
पिता और पुत्र
पिता और पुत्र
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
डॉ.सीमा अग्रवाल
*लस्सी में जो है मजा, लस्सी में जो बात (कुंडलिया)*
*लस्सी में जो है मजा, लस्सी में जो बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
बेनाम रिश्ते .....
बेनाम रिश्ते .....
sushil sarna
नर को न कभी कार्य बिना
नर को न कभी कार्य बिना
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
shabina. Naaz
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
Dr Tabassum Jahan
आया खूब निखार
आया खूब निखार
surenderpal vaidya
दुआएं
दुआएं
Santosh Shrivastava
दिल में जो आता है।
दिल में जो आता है।
Taj Mohammad
मां
मां
Manu Vashistha
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
Loading...