*नहीं पूनम में मिलता, न अमावस रात काली में (मुक्तक) *
*नहीं पूनम में मिलता, न अमावस रात काली में (मुक्तक) *
—————————————————
नहीं पूनम में मिलता, न अमावस रात काली में
नहीं वह स्वाद होटल में, नहीं वह घर की थाली में
जगत की वस्तुओं के वह, कहाँ संग्रह में सुख मिलता
जगत जो छोड़ मिलता, ध्यान की मस्ती में खाली में
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451