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10 Jun 2024 · 1 min read

“नसीहत और तारीफ़”

“नसीहत और तारीफ़”

नसीहत वो सच्चाई है,
जिसे हम गौर से नहीं सुनते।

तारीफ़ वो धोखा है,
जिसे हम ध्यान से सुनते हैं।

2 Likes · 2 Comments · 88 Views
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