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19 Jan 2022 · 1 min read

नशा मुक्ति

गीत _ नशा ना करना तुम यारो

नशा ना करना तुम यारो,सब कहते बड़ी बीमारी हैl
जिसने किया नशा इस जग में,हसीँ जिंदगी हारी है।।

गिरवी रख दिया हसीं आशियाँ,खेत क्यार भी छोड़े ना।
एक अभागिन रोज सिसकती, फिर भी बंधन तोड़े ना।।
बेच दिए गहने सारे,मंगलसूत्र की अब बारी है।
नशा ना करना तुम यारो,सब कहते बड़ी बीमारी है।।

लगा बिखरने हसीं आशियाँ, हसरत होती मर जाने को।
प़डा बेवङा बीच सड़क पर,ठोकर मिलती खाने को।।
पर लब की प्यास बुझाने को,बोतल की फिर तैयारी है।
नशा ना करना तुम यारो,सब कहते बड़ी बीमारी हैl।।

बेटी का यौवन देख- देख के,ऐसी जगी हवस मन में।
शर्मो- हया त्याग दी सारी,आग लगी कैसी तन में।
दाग लगा दिया अपने खून पे,बन बैठा व्यभिचारी है।
नशा ना करना तुम यारो,सब कहते बड़ी बीमारी हैl।

लुटा दिया दारु में सब कुछ,बना भिखारी बैठा है ।
तलब लगी अब भी पीने की,ना जेब में कोई पैसा है।
भल मानुष ये कैसा,इसकी अकल गई सब मारी है।
नशा ना करना तुम यारो,सब कहते बड़ी बीमारी हैl।

नशा ना करना तुम यारो,सब कहते बड़ी बीमारी हैl
जिसने किया नशा इस जग में, हसीँ जिंदगी हारी है।।

✍ शायर देव मेहरानियाँ
अलवर, राजस्थान
(शायर, कवि व गीतकार)
slmehraniya@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 209 Views
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