Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2022 · 1 min read

नव सूर्योदय

हर अह्न होता नव सूर्योदय
याम में जितनी होती वार्ता
चाहे उत्तम हो या अधम
निकृष्ट वार्ता को छोड़ के
नव सूर्योदय आगत में
उत्तम कार्यों का प्रतीक।

नव सूर्योदय जब हो जाता
उसकी किरणें हम सबो को
द्योतक कई तरह से मंगल
विटामिन डी देती हमें यह
नव सूर्योदय आगामी की
उत्कृष्ट वार्ता का प्रतीक।

नव सूर्योदय होती है जब
इसकी किरणें हमसबों को
वक्ष अंतर्भाव वाले कीट को
करती सदा ये नाश -विनाश
नव सूर्योदय भावी युग में
सर्वोत्तम कर्मो का प्रतीक।

Language: Hindi
433 Views

You may also like these posts

सपनों का व्यापार है दुनिया
सपनों का व्यापार है दुनिया
Harinarayan Tanha
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
■ कोई तो हो...।।
■ कोई तो हो...।।
*प्रणय*
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
श्री अयोध्या धाम और चित्रकूट यात्रा
श्री अयोध्या धाम और चित्रकूट यात्रा
श्रीकृष्ण शुक्ल
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
Rj Anand Prajapati
जनरल नॉलेज
जनरल नॉलेज
कवि आलम सिंह गुर्जर
नशा नाश करके रहे
नशा नाश करके रहे
विनोद सिल्ला
बिखरना
बिखरना
Dr.sima
हंसी / मुसाफिर बैठा
हंसी / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
चलो ऐसा भी करते हैं
चलो ऐसा भी करते हैं
Suryakant Dwivedi
Where have you gone
Where have you gone
VINOD CHAUHAN
किसने किसको क्या कहा,
किसने किसको क्या कहा,
sushil sarna
अपनी नज़र में सही रहना है
अपनी नज़र में सही रहना है
Sonam Puneet Dubey
3518.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3518.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
धरती के अवतंस (पुस्तक समीक्षा)
धरती के अवतंस (पुस्तक समीक्षा)
गुमनाम 'बाबा'
"बेटियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
राधा
राधा
Rambali Mishra
निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं
निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं
अंसार एटवी
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
Rajesh Kumar Arjun
बाकी है
बाकी है
Arvind trivedi
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
RAMESH SHARMA
इस कदर मजबूर था वह आदमी...
इस कदर मजबूर था वह आदमी...
Sunil Suman
*ऐसी हो दिवाली*
*ऐसी हो दिवाली*
Dushyant Kumar
कोई ग़लती करे या सही...
कोई ग़लती करे या सही...
Ajit Kumar "Karn"
आंगन महक उठा
आंगन महक उठा
Harminder Kaur
Loading...