नव वर्ष
सम्बोधन ही बदल गया है 105
जीवन 106
सम्मानित हैं आप 108
कोरोना गीत 1 109
हम ही शासक 2 111
देश वासियो 3 112
नया वर्ष
आया है नया वर्ष, करते हम अभिनन्दन,
हम से जो अग्रज हैं, उनका करते वन्दन।
छोटों को शुभाशीष, मंगलमय हो जीवन।
प्रेम सदाफूले बस, हम सब उत्साही हों,
प्रगति मार्ग जो भी हो, उस पथ के राही हों,
हम उँचाई छू लेंगे, नित प्रयास हों नूतन ।
गत को हम क्या देखें, देखें हम आगत को,
उत्सुक है नव प्रभात,हम सबके स्वागत को।
शुभ चिन्तक जो भी हैं, देखें हम अपनापन,
आया है नया वर्ष, करते हम अभिनन्दन।
जग में प्रसिद्धि के कीर्तिमान तोड़े हम,
भर दें उजयारे को, छूट जाये सारा तम।
मिट जाये अहंभाव, धुल जाये अन्तरमन।
द्वेष, बैर भूलें सब, छोटों को अपनायें,
प्रेम बीज बो कर हम,बगिया को महकायें।
मन मन्दिर अपने ही, बन जायें वृन्दावन।
ज्ञानवान, बुद्धिमान,प्रभा ओजस्वी हों,
शरदं शतं जीवेत, आप सब यशस्वी हों।
विनती है प्रभु से बस, बन जायें वे साधन।
उत्तर से दक्षिण तक,हिन्दी सब की भाषा,
पूरबसे पश्चिम तक, सुदृढ़ रहे यह आशा।
हिन्दी की प्रगति हेतु, जुट जाएँ ज्ञानी जन डा० हरिमोहन गुप्त
आया नया वर्ष करते हम अभिनन्दन |
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