नव–वर्ष
नूतन ज्योति जले जग में।
जीवन‚यौवन में औ’ मग में।
नद की बहती कल–कल धारा।
धो कलुष पोंछ रज कण सारा।
सन्देश भरे‚नव गति भरे।
उद्देश्य भरे‚हर यति हरे।
हो सुखद हर्ष।
हा नवोत्कर्ष।
रवि रश्मि से पूरित विहान‚
हो नयन–नयन में भासमन।
शशि किरणों से नित बढ़ा करे।
उन्नत शिखर पर चढ़ा करे।
ये मनुज़‚ अनुज‚ अग्रज मेरे।
परलोक‚ लोक‚ सुर‚ असुर अरे।
हो सुखद वर्ष।
अद्भुद हो हर्ष।
उपलब्धि‚प्राप्ति का हो उमंग।
नख–शिख होली का लाल रंग।
मुख पर उमगे ईद का उमंग।
नस में रग में हो नव तरंग।
हो सुखद वर्ष।
हो सुखद हर्ष।
अद्भुद हो वर्ष।
हो नवोत्कर्ष।
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