Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

नव भारत निर्माण करो

सुनो गौर से वीर जवानों,
नव भारत निर्माण करो,
छाकर गहरे आसमान में,
दिनकर सा प्रकाश करो।

निज गौरव गाथा लेकर,
भू पर अमृतधारा लहरा दो,
बोस , भगतसिंह के वंशज तुम,
भारत मां को स्वर्ग बना दो।

बनो विवेकानंद साहसी ,
धर्म – कर्म का मर्म जगा दो,
ज्योतिपुंज सा दीप जलाकर ,
जग में निज प्रकाश फैला दो।

कर्मों से आनंदित कर जग,
अखिल विश्व के प्रिय बन जाओ,
तोड़ बेड़ियां भ्रष्टाचार की,
तुम निज ताकत को पहचानो।

भारत भाग्य विधाता हो तुम,
देश की गौरव गाथा हो तुम,
विजयी विश्व तिरंगा तुम हो,
नव भारत निर्माण करो।

अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “✍️✍️✍️

Language: Hindi
2 Likes · 118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"" *श्रीमद्भगवद्गीता* ""
सुनीलानंद महंत
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
हर खतरे से पुत्र को,
हर खतरे से पुत्र को,
sushil sarna
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
प्रेमदास वसु सुरेखा
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
किसी और के आंगन में
किसी और के आंगन में
Chitra Bisht
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सत्य कुमार प्रेमी
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
DrLakshman Jha Parimal
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
आर.एस. 'प्रीतम'
* का बा v /s बा बा *
* का बा v /s बा बा *
Mukta Rashmi
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
Ajit Kumar "Karn"
कोई क्या करे
कोई क्या करे
Davina Amar Thakral
..
..
*प्रणय*
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
नेता बनि के आवे मच्छर
नेता बनि के आवे मच्छर
आकाश महेशपुरी
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कश्मीर
कश्मीर
Rekha Drolia
राम कृष्ण हरि
राम कृष्ण हरि
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
Phool gufran
#हमें मजबूर किया
#हमें मजबूर किया
Radheshyam Khatik
🌺🌹🌸💮🌼🌺🌹🌸💮🏵️🌺🌹🌸💮🏵️
🌺🌹🌸💮🌼🌺🌹🌸💮🏵️🌺🌹🌸💮🏵️
Neelofar Khan
तेरे ख़्याल में हूं
तेरे ख़्याल में हूं
Dr fauzia Naseem shad
2989.*पूर्णिका*
2989.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...