ट्रेंनिंग की बेला
मेरी प्रशिक्षण अवधि के दौरान केंन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस एवं आपदा प्रबंधन मंगेली जबलपुर म.प्र.
में किये गए अनुभवों को काव्य रूप देने का
एक छोटा सा प्रयास…….
नव नवल ट्रेंनिंग की बेला
मधुर मनोरम दृश्य अलवेला
नए मित्रो से प्रथम मिलन का
पल ये अद्धभुत ,थोड़ा जोशीला
नया जिला , नये लोग सभी सब
हर कोई घर परिवार से दूर अकेला
क्या होगा ट्रेनिंग सेन्टर के अन्दर
अन्तर्मन में चलता द्वंद्व अकेला
सभी प्रसुक्षु मन से उत्साही
ट्रेंनिंग लेने आये यहां पर
कुछ नया नवनूतन होगा
बृहद आसमां जितना नीला
ध्येय यहां का निर्मल पावन
इरादा आपका ट्रेंनिंग हमारी, दुनिया होगी आपकी बलिहारी
व्यक्तित्व निखार का अद्धभुत तरीका
ट्रेनी ना रहेगा ढीला ढाला
शरीर में गर्मी दिमाग हो ठंडा
अच्छी ट्रेंनिंग का यही है फंडा
चुस्ती फुर्ती दुरुस्ती, ने ही
हर ट्रेनी को ट्रेंड कर डाला
संकल्प लो ऐसा प्रति भोर तुम
नई सीख , प्रदर्शन बेहतर
नई शाम नया दिन हो हर दिन
करोगे तुम प्रगति उत्तरोत्तर
उत्तम चित्त ओर ध्यान लगाकर ,
लो तुम ट्रेंनिंग का मजा
सीखोगे सब करोगे बेहतर ,
न पाओगे सजा
समयबद्ध अनुशासित बनोगे
विपरीत परिस्थितियों से तुम न डरोगे
सहनशक्ति तुममे विकसित होगी
निश्चित इनाम तुम्हारा होगा
कैम्प अनुशासन जहन में हर दम
साफ सफाई का ध्यान रखो
सहयोग करो ,निः स्वार्थ बनो
समय तुम से नही तुम समय से चलो
ईश्वर के दिलचर हैं हम सभी
संवेदना रखो सब के प्रति
ख़ुद के प्रति ईमानदार रहकर
कर्तव्यनिष्ठ हो कार्य करो
प्रति अश्म , प्रति तरुवर यहां के
आपके सम्मान हेतु केवल
प्रति मौसम प्रति गगन को तुम
समझो हर पल नावनीर यहां
अपनाकर कर यह मूलमंत्र
तुम बदलो “दीप” निज उद्धार करो
गांठ बांध करो पक्का इरादा
बिधि के अनुरूप तुम काम करो
….जारी