नवोदित लेखक (लघु लेख)
जब कोई लेखक अपनी रचना पाठकों के पठन हेतु परोसता है तब वह सिर्फ पढने और तारीफ करने के लिए नही होती है वास्तव में उसकी समीक्षा होती है हर कोई अपने नजरिये से देखता है ।
विडम्बना है कि नवोदित लेखक तारीफ ही स्वीकारते है , वास्तविकता से घबराते है और अपने पक्ष में तर्क देते है ।
लेखन बहुत विस्तृत और गहन चिन्तन मनन का कार्य है इसमें जितने गहरे डूबकी लगाओगे मोती पाओगे ।
इसलिए नवोदित लेखक समीक्षा को सही परिप्रेक्ष्य में लें
लेखन में परिपक्वता की जरूरत है ।
जय श्री कृष्णा राधे राधे