Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2024 · 1 min read

“नवांकुरो की पुकार “

सादर नमन 🙏💐 प्रस्तुत है स्वरचित एवं मौलिक कविता “नवांकुरों की पुकार ” जिसमें लेखन के क्षेत्र में कैसे नये लेखकों को संघर्ष करना पड़ता है |प्रस्तुत कविता में नवांकुरो यानि नये लेखकों को आने वाली कठिनाई और उसका सामना करने की सलाह कविता में लेखक दे रहा है ताकि उनका उत्साहवर्धन हो सके |कविता सभी नये लेखकों पीड़ा को व्यक्त करने हेतु लिखी गयी है |

“नवांकुरों की पुकार”
लेखनी जब उठाई मैंने, जानी जीवन की सच्चाई,
कितना कठिन है यह सफर, हर कदम पर है कठिनाई।
मौलिकता की जो बात करे, वही सच्चा लेखक कहलाए,
वरना यहाँ तुकबंदी में, सबका मन बस उलझ जाए।

मंचों पर देखो कवि, बस अपनी धुन में गाते हैं,
नए अंकुरों की पुकार, कोई सुनने नहीं आता है।
शिष्य बनाने का जो हुनर था, अब वो लुप्त हो चला,
शायद डरते हैं इस बात से, कहीं उनकी लौ ना बुझ जाए।
पर मैं नहीं रुकूँगा, अपने लेखन की धार से,
मिटा दूँगा वह धारणा, जो उनके मन में बैठी है।
लेखन में नए अध्याय की, मैं शुरुआत करूँगा,
इस राह पर चलकर, मैं अपना नाम अमर करूँगा।

जो नहीं देखता नवांकुरों की तरफ, वो क्या जाने,
किसी नए दिये की लौ में, उसकी रौशनी कितनी बढ़ती है।
भरोसा रखो अपने आप पर, डर की कोई बात नहीं,
जगमगाने दो नई किरणों को, यही सच्ची बात सही।

©ठाकुर प्रतापसिंह ‘राणाजी’
सनावद (मध्यप्रदेश )
संपर्क :9179267267

Language: Hindi
52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
View all
You may also like:
“मृदुलता”
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
कविता - छत्रछाया
कविता - छत्रछाया
Vibha Jain
आज के समाज का यही दस्तूर है,
आज के समाज का यही दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
"बेकसूर"
Dr. Kishan tandon kranti
महाकाल
महाकाल
Dr.Pratibha Prakash
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
4298.💐 *पूर्णिका* 💐
4298.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
प्रीत हमारी हो
प्रीत हमारी हो
singh kunwar sarvendra vikram
पिछले पन्ने 5
पिछले पन्ने 5
Paras Nath Jha
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
जश्न आजादी का ....!!!
जश्न आजादी का ....!!!
Kanchan Khanna
सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
आर.एस. 'प्रीतम'
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
😊Good Night😊
😊Good Night😊
*प्रणय प्रभात*
#प्रेमी मित्र
#प्रेमी मित्र
Radheshyam Khatik
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
" हय गए बचुआ फेल "-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
खुद्दार
खुद्दार
अखिलेश 'अखिल'
न काज़ल की थी.......
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
Just like a lonely star, I am staying here visible but far.
Just like a lonely star, I am staying here visible but far.
Manisha Manjari
Loading...