Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2020 · 1 min read

नवसृजन

नवसृजन
शंख नाद हो चुका
नव सृजन की दिशा
संचय के मोती से बना
प्रयत्न पुष्प से गुथा
स्वयं पुष्पहार ले सजा

तुझमें सहस्त्र गुण छुपा
तू आशंका हर दे भुला
था मन बदलो में घिरा
ज्योत नवपुंज जला
प्रकाश कर हर दिशा

प्रीति स्रोत से बना
नित स्वर नया
कर्म पर जरा
दृष्टि अपनी टिका
शीश पर तेरे सदा
ईश की रहे कृपा

धीर से दीप जला
अपने विश्वास का
धर वेश श्याम मेघ का
घनघोर तू बरस जरा
तृप्त कर अपनी धरा

Language: Hindi
1078 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"पानी-पूरी"
Dr. Kishan tandon kranti
इंतजार करते रहे हम उनके  एक दीदार के लिए ।
इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
Yogendra Chaturwedi
23/189.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/189.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
gurudeenverma198
#क़तआ
#क़तआ
*Author प्रणय प्रभात*
सावन: मौसम- ए- इश्क़
सावन: मौसम- ए- इश्क़
Jyoti Khari
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
इंतजार
इंतजार
Pratibha Pandey
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
ख्याल
ख्याल
अखिलेश 'अखिल'
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
कभी लगे के काबिल हुँ मैं किसी मुकाम के लिये
कभी लगे के काबिल हुँ मैं किसी मुकाम के लिये
Sonu sugandh
पुत्र एवं जननी
पुत्र एवं जननी
रिपुदमन झा "पिनाकी"
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोस्ती अच्छी हो तो रंग लाती है
दोस्ती अच्छी हो तो रंग लाती है
Swati
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
Ravi Prakash
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
शांति के लिए अगर अन्तिम विकल्प झुकना
शांति के लिए अगर अन्तिम विकल्प झुकना
Paras Nath Jha
मै तो हूं मद मस्त मौला
मै तो हूं मद मस्त मौला
नेताम आर सी
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...