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16 Jan 2017 · 1 min read

नववर्ष

नववर्ष पर मेरे विचारों का यह अनुअंकन
व्यतीत होते वर्ष को करे प्रणाम
दीं जिसने हमें सुखद अनुभूतियाँ,सान्निध्य में
जिसके विस्मृत हो गईं सकल विसंगतियां
माता-पिता, अग्रजों का स्नेहिल आर्शीवचन

प्रत्येक दिवस की ज्योतिर्मय सकारात्मकता
विशाल वृक्ष,नवल तरु,कोमल गात कलिका की अरुणाई
पुष्पों की तरुणाई का सुन्दर संयोजन
यामिनी (निशा) की नीरवता सुनील (अम्बर) पर तारक समूह की छिटकी चन्द्रिका का चारु (रुचिर) अंकन

शुभ सन्देश कर रहा संप्रेषण
बन्धुओं का, संबंधों का, कोमल उद्गारों का, सदविचारों का,मानवता का, स्नेहिल बन्धन
नूतन वर्ष में सदअभिलाषा पूर्ण आशाओं से तारतम्य शुभता, शुचि लिए संस्कृत का करे अलंकरण

स्वच्छता हो दर्पण की, शीतलता हो चन्दन की
प्रत्येक हृदय हो आह्लादित, प्रफुल्लित ना रहे
किसी का मलिन अन्तःकरण
हर्षोल्लास से परिपूर्ण मंगलमय हो सबका जीवन
नूतन वर्ष पर करो स्वीकार “सुनील” का यह मांगलिक अभिनन्दन……
सुनील पुष्करणा

Language: Hindi
473 Views
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