नववर्ष- 2025 के लिए
आनेवाले नववर्ष पर आपके लिए एक गीत… दुवा है चाँद-सूरज-सी…
दुवा है चाँद-सूरज-सी तुम्हें नित चाल आ जाए।
मुबारक़ हो हज़ारों ले ख़ुशी नव साल आ जाए।।
महक रिश्ते चहक चाहत अदब संस्कार बिखराएँ।
जहां के सब नज़ारें देख तुमपर फूल बरसाएँ।
लबों पर सुर सजें ऐसे सुहानी ताल आ जाए।
मुबारक़ हो हज़ारों ले ख़ुशी नव साल आ जाए।।
ग़मों की शाम हो जाए ख़ुशी हर नाम हो जाए।
चढ़ो सोपान ऊँचें तुम सफ़र ग़ुलफ़ाम हो जाए।
पुराने साल से सुंदर नया ये साल आ जाए।
मुबारक़ हो हज़ारों ले ख़ुशी नव साल आ जाए।।
मिले यश धर्म सुख वैभव सितारे नूर बरसाएँ।
तुम्हारे कर्म सबको प्रेम के मंज़र नज़र आएँ।
तुझे देखे तुझे चाहे क़सम से हाल आ जाए।
मुबारक़ हो हज़ारों ले ख़ुशी नव साल आ जाए।।
दुवा है चाँद-सूरज-सी तुम्हें नित चाल आ जाए।
मुबारक़ हो हज़ारों ले ख़ुशी नव साल आ जाए।।
आर.एस. ‘प्रीतम’
(राधेय श्याम ‘प्रीतम’)