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1 Jan 2020 · 1 min read

नववर्ष की सौगात

जात है न पात है
नववर्ष की सौगात है,

सब मनायें खुशियां
चाहे जिसकी जो औकात है,

कोई जाए पिकनिक पर
कोई घर पर ही खात है,

ओज है उमंग है दोस्तों का संग है
ऐसा लगता है मानो बारात है,

कई -कई सपने संजोये हैं,
कितने को पाये, तो कितने को खोए हैं
फिर भी नए साल में नई-नई बात है,

मौसम की मार है
फिर भी ख़ुमार है
कड़ाके की ठंड में, कुहासे की रात है;

चाहे अभाव है फिर भी लगाव है
तभी तो नववर्ष का मैसेज भेजात है,

आपका साथ है, तो फिर चिंता की क्या बात है
मार्केट में आज सबकुछ बिकात है,

जात है न पात है,नववर्ष की ………….

नववर्ष की हार्दिक बधाई
(साहित्यकार साहिल की तरफ से)

Language: Hindi
2 Likes · 461 Views
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