नववर्ष।
नववर्ष।
नववर्ष मंगलमय होयत
धनी आ पढल लिखल के।
नववर्ष मंगलमय होयत
कहिया गरीब आ अनपढ के।
नववर्ष मंगलमय होयत
कहिया कबाड़ चूने वाला के।
नववर्ष मंगलमय होयत
नेता, अफसर आ दलाल के।
नववर्ष मंगलमय होयत
कहिया किसान आ मजदूर के।
नववर्ष मंगलमय होयत।
मांस मदिरा पिये वाला के।
नववर्ष मंगलमय होयत
कहिया मूस खाये वाला के।
नववर्ष मंगलमय होयत
रामा जहिया जगायब अपना मन के।
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन
रचनाकार-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।