नवरात्रि का प्रकाश है
नवरात्रि का प्रकाश है
मन में मेरे उजास है
उमंग और उत्साह है
ममता भरी एक प्यास है
मां के दरस की आस है
लगी हुईं हैं झांकियां
चल रहे हैं डांडिया
व्रत और उपवास है
समय बड़ा ही खास है
नवरात्रि का त्योहार है
चहुं ओर मां का प्यार है
पावस ऋतु है जा रही
शरद ऋतु है आ रही
प्रकृति का उपहार है
यही मां का प्यार है
चक्र ये चलता रहे
जीवन सभी का खुश रहे
मां से यही अरदास है
नवरात्रि का प्रकाश है
जय माता दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी